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राजभाषा की जानकारी

 


राजभाषा जिसका अर्थ हैं "राज काज की भाषा" है। संविधान में "राजभाषा" और "राजभाषाओं" शब्द का ही प्रयोग हुआ है। "राष्ट्रभाषा" का उल्लेख संविधान में नहीं है। अष्टम अनुसूची में भी भाषाओं को राज्य की राजभाषा कहा गया हो। राष्ट्रभाषा शब्ह का हर कोई अपना मतलब निकालता है। कहीं भी इसकी अधिकारिक परिभाषा नहीं है।

  • संविधान के भाग -17 के अनुच्छेद 343 के अनुसार संघ की राजभाषा हिन्दी और लिपि देवनागरी है 
  • संविधान की आठवीं अनुसूची के अनुसार निम्नलिखित भाषाओं को राजभाषा के रूप में मान्यता प्राप्त है जो इस प्रकार है: -
  1.  असमिया .
  2.  बंगला 
  3. गुजराती 
  4.  हिंदी 
  5.  कन्नड़। 
  6.  कश्मीरी 
  7.  मलयालम 
  8.  मराठी 
  9.  उड़िया 
  10.  पंजाबी 
  11.  संस्कृत 
  12.  सिन्धी 
  13.  तमिल 
  14.  तेलुगू 
  15.  उर्दू 
  16.  कोकणी 
  17.  मणिपुरी 
  18.  नेपाली 
  19.  मैथिली 
  20.  संथाली 
  21.  डोंगरी 
  22.  बोडो 


  • भाषा और राजभाषा,  बोली, विभाषा 

या बोली, विभाषा और भाषा का मौलिक अन्तर बता पाना कठिन है। क्योंकि इसमें मुख्यतया अन्तर व्यवहार क्षेत्र के विस्तार पर निर्भर है। वैयक्तिक विविधता के चलते एक समाज में चलने वाली एक ही भाषा के कई रूप दिखायी देते हैं। मुख्य रूप से भाषा के इन रूपों को हम इस प्रकार देखते हैं।

  •  बोली,
  •  विभाषा और
  •  भाषा {अर्थात परिनिष्ठित या आदर्श भाषा}

बोली भाषा की छोटी इकाई है। इसका सम्बन्ध ग्राम या मण्डल से रहता है। इसमें प्रधानता व्यक्तिगत बोली की रहती है और देशज शब्दों तथा घरेलू शब्दावली का बाहुल्य होता है। यह मुख्य रूप से बोलचाल की ही भाषा है। अतः इसमें साहित्यिक रचनाओं का प्रायः अभाव रहता है। व्याकरणिक दृष्टि से भी इसमें असाधुता होती है।


विभाषा का क्षेत्र बोली की अपेक्षा विस्तृत होता है यह एक प्रान्त या उपप्रान्त में प्रचलित होती है। एक विभाषा में स्थानीय भेदों के आधार पर कई बेलियाँ प्रचलित रहती हैं। विभाषा में साहित्यिक रचनाएँ मिल सकती हैं। भाषा अथवा कहें परिनिष्ठित भाषा या आदर्श भाषा, विभाषा की विकसित स्थिति हैं। इसे राष्ट्र-भाषा या टकसाली-भाषा भी कहा जाता है।


प्रायः देखा जाता है कि विभिन्न विभाषाओं में से कोई एक विभाषा अपने गुण-गौरव, साहित्यिक अभिवृद्धि, जन-सामान्य में अधिक प्रचलन आदि के आधार पर राजकार्य के लिए चुन ली जाती है और उसे  राजभाषा के रूप में या राष्ट्रभाषा घोषित कर दिया जाता है।


  • राज्यभाषा, राष्ट्रभाषा एवं राजभाषा 

किसी प्रदेश की राज्य सरकार के द्वारा उस राज्य के अन्तर्गत प्रशासनिक कार्यों को सम्पन्न करने के लिए जिस भाषा का प्रयोग किया जाता है। उसे राज्यभाषा  कहते हैं। यह भाषा सम्पूर्ण प्रदेश के अधिकांश जन-समुदाय द्वारा बोली और समझी जाती है। प्रशासनिक दृष्टि से सम्पूर्ण राज्य में सर्वत्र इस भाषा को महत्त्व प्राप्त रहता है।


भारतीय संविधान में राज्यों और केन्द्रशासित प्रदेशों के लिए हिन्दी के अतिरिक्त 21 अन्य भाषाएं राजभाषा स्वीकार की गई है। संविधान की अष्टम अनुसुचि में कुल 22 भारतीय भाषाओं स्थान प्राप्त हुआ है। राज्यों की विधानसभाएं बहुमत के आधार पर किसी एक भाषा को अथवा चाहें तो एक से अधिक भाषाओं को अपने राज्य की राज्यभाषा घोषित कर सकती हैं। राष्ट्रभाषा सम्पूर्ण राष्ट्र का प्रतिनिधित्व करती है। प्राय: वह अधिकाधिक लोगों द्वारा बोली और समझी जाने वाली भाषा होती है। प्राय: राष्ट्रभाषा ही किसी देश की राजभाषा होती है। भारत में 22 भारतीय भाषाएँ राष्ट्रभाषाएँ मानी जाती है।



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