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अंतराष्ट्रीय चाय दिवस - International Tea Day

 

  21 मई को हर वर्ष अंतराष्ट्रीय चाय दिवस  "International Tea Day" के रूप में मनाया जाता है। चाय का इतिहास बहुत पुराना है। इसकी शुरुआत चीन में हुई। कहा जाता है कि लगभग 2700 ईसापूर्व चीनी शासक शेन नुंग बगीचे में बैठकर गर्म पानी पी रहे थे। इसी दौरान उनके कप में एक पेड़ की पत्ती आ गिरी इसके बाद पानी का रंग बदल और महक भी उठी जब राजा ने पत्ती वाले पानी की चुस्की ली तो उन्हें एक अलग स्वाद आया जो उन्हें अच्छा लगा कुछ इस प्रकार से चाय का अविष्कार हुआ। वही कुछ कथाओं में ऐसा भी कहा जाता है कि बौद्ध भिक्षुों द्वारा चाय का इस्तेमाल औषधि के रूप में किया जाता था और यही से चाय की शुरुआत हुई। वही भारत में चाय लाने का श्रेय ब्रिटेश ईस्ट इंडिया कंपनी को दिया जाता है। आज चाय किसी परिचय की मोहताज नहीं है घरों और बजारों में चाय के अनेक प्रकार मौजूद हैं। जैसे - वाइट टी, ग्रीन टी, ब्लैक टी, ओलांग टी और  हर्बल टी आदि। भारत में चाय का सबसे ज्यादा उत्पादन असम राज्य में किया जाता है


अंतरराष्ट्रीय चाय दिवस का इतिहास पहला अंतर्राष्ट्रीय चाय दिवस 2005 में दिल्ली में आयोजित किया गया था। साल 2015 में भारत सरकार ने इस दिन को  संयुक्त राष्ट्र खाद्य और विश्व स्तर के कृषि संगठनों तक पहुंचाने का काम किया इसके बाद से विश्व के अलग-अलग देशों में 21 मई के दिन अंतराष्ट्रीय चाय दिवस मनाया जाने लगा हर वर्ष यह दिन मई के महीने में इसलिए मनाया जाता है क्योंकि इस समय अधिकाँश देशों में चाय का उत्पादन शुरू होता है


चाय एक लोकप्रिय पेय है। यह चाय के पौधों की पत्तियों से बनता है। सबसे पहले सन 1815 में कुछ अंग्रेज़ यात्रियों का ध्यान असम में उगने वाली चाय की झाड़ियों पर गया जिससे स्थानीय कबाइली लोग एक पेय बनाकर पीते थे। भारत के गवर्नर जनरल  लॉर्ड बैंटिक ने 1834 में चाय की परंपरा भारत में शुरू करने और उसका उत्पादन करने की संभावना तलाश करने के लिए एक समिति का गठन किया। इसके बाद 1835 में असम  में चाय के बाग़ लगाए गये।


नोट: एक दिन चीन के सम्राट शैन नुंग के रखे हुए गर्म पानी के प्याले में हवा के ज़रिये उड़कर कुछ सूखी पत्तियाँ आकर उसमे गिर गयी जिनसे पानी में रंग आया और जब उन्होंने उसकी चुस्की ली तो उन्हें उसका स्वाद बहुत पसंद आया। बस यही से शुरू होता है चाय का सफर। ये बात ईसा से 2737 वर्ष पहले की है। सन 350 में चाय पीने की परंपरा का पहला उल्लेख मिलता है। सन 1610 में डच  व्यापारी चीन से चाय यूरोप ले गए और धीरे-धीरे ये समूची संसार का प्रिय पेय पदार्थ बन गया।





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