भारत में "डच ईस्ट इंडिया कंपनी" की स्थापना 1602 ई. में हुई थी। इससे पहले 1596 ई. में भारत आने वाला पहला डच नागरिक कारनेलिस डेहस्तमान था। डचों का हिन्दुस्तान घर पुर्तगाली से संघर्ष हुआ और धीरे-धीरे उन्होंने भारत के सारे मसाला उत्पादन के क्षेत्रों पर क़ब्ज़ा कर लिया। 1639 ई. में उन्होंने गोवा पर घेरा डाला और इसके 2 वर्ष बाद यानी 1641 ई. में मलक्का पर क़ब्ज़ा कर लिया।
1658 में उन्होंने सीलोन की आखरी पुर्तग़ाली बस्ती पर अधिकार जमा लिया। डचों ने गुजरात में कोरोमंडल समुद्र तट, बंगाल, बिहार और उड़ीसा में अपनी व्यापारिक कोठियां खोली। डच लोग आम तौर पर मसालों, कच्चे रेशम, नीम, शीशा, चावल व अफ़ीम का व्यापार भारत से करते थे। 1759 ई. में हुए ‘वेदरा के युद्ध’ में अंग्रेज़ों से हार के बाद डचों का भारत में अंतिम रूप से पतन हो गया।
0 Comments